
-विप्र फाउंडेशन के इस्पेक, जापान चैप्टर की ऐतिहासिक पहल
टोक्यो। श्री विष्णु के छठे अवतार चिरंजीवी भगवान परशुराम के आदर्शों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विश्वभर में प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से कार्यरत इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर परशुराम कॉन्शसनेस (ISPAC) का इस्पेक–जापान चैप्टर शनिवार शाम टोक्यो में विशेष चर्चा का केंद्र बना।
इस्पेक–जापान चैप्टर ने जापान की प्रतिष्ठित संस्था ‘तरंग’ को समाज सेवा हेतु स्पॉन्सरशिप प्रदान की। भारी उपस्थिति में संपन्न इस कार्यक्रम को सामाजिक, आध्यात्मिक तथा दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान परशुराम से जुड़े प्रसंगों पर आधारित वीडियो एनीमेशन से हुई, जिसके बाद इस्पेक–जापान चैप्टर के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया गया और उपस्थित जनसमूह को संगठन की भावी योजनाओं तथा क्रियाकलापों से अवगत कराया गया।
इस अवसर पर इस्पेक, जापान चैप्टर के अध्यक्ष श्री राजकुमार शर्मा, उपाध्यक्ष श्री नितिन तिवारी तथा सचिव-कोषाध्यक्ष श्री मनोज गौड़ को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। राजकुमार शर्मा ने कहा कि “ISPAC का प्रथम लक्ष्य है कि विश्व में रह रहे सनातनी लोग भगवान परशुराम के आदर्शों और शिक्षाओं को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समझें, जापान चैप्टर उसी लक्ष्य की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।” वहीं नितिन तिवारी ने कहा कि “यह अभियान हमारे सामूहिक प्रयत्नों का प्रतिफल है। जापान चैप्टर की यह पहल पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बनेगी।” इस्पेक के सचिव-कोषाध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि भविष्य में एक विराट आयोजन कर हम इस संदेश को जन-जन तक पहुँचाने हेतु कृतसंकल्पित हैं।” कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने इस्पेक–जापान चैप्टर से जुड़ने की गहरी इच्छा और उत्साह प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम के समापन पर इस्पेक–जापान चैप्टर के पदाधिकारियों ने मार्गदर्शन हेतु इस्पेक की चेयरपर्सन डॉ. हर्षा त्रिवेदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ त्रिवेदी के सतत् प्रयास, उनकी दूरदृष्टि और सनातन के प्रति समर्पण से हम अभिभूत हैं। आने वाले दिनों में हम जापान में सघन रूप से सनातन जागरण अभियान चलायेंगे। जापान के पदाधिकारियों ने विप्र फाउंडेशन के संस्थापक सुशील ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा गुरुजी, इस्पेक प्रभारी प्यारे लाल शर्मा के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित कर सहयोग की कामना की।